8 गांव के 3 हजार ग्रामीणों का चक्का जाम और प्रदर्शन — भ्रष्टाचार, मौत और लगातार हादसों से उबल पड़ा गुस्सा, जानिए पूरा मामला
महासमुंद से अंजोर यादव की रिपोर्ट
बसना से कुड़ेकेल नाला पुल में हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ आज बसना में उबाल देखने को मिला। परसकोल, बिछिया, टाडापारा, मूडपहार, पोटापारा, कुंडकेल, जमडी सहित कुल 8 गांवों के करीब 3 हजार ग्रामीणों ने बसना मेन चौक में जोरदार चक्का जाम कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि करोड़ों की लागत से बना पुल मात्र 10 साल में ही ढह गया, जो भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी मिसाल है।
ग्रामीणों का कहना है कि बसना–अरेकेल–कुड़ेकेल मार्ग पर यह पुल 20 गांवों की आवाजाही का एकमात्र साधन था। लेकिन निर्माण के कुछ ही वर्षों में पुल में गहरी दरारें पड़ने लगीं और अब यह पूरी तरह जमींदोज हो चुका है। ग्रामीणों ने स्पष्ट आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में भारी अनियमितताएं की गई थीं, जिसके कारण करोड़ों रुपये का सार्वजनिक धन व्यर्थ चला गया।
पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद प्रशासन ने एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता भी सुरक्षित नहीं है। बरसात और भारी वाहनों की आवाजाही के कारण यह मार्ग कई जगह पर खतरा बन गया है। पिछले वर्ष इसी इलाके में दो लोगों की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
कुछ दिनों पहले एक कार इसी जर्जर पुल के पास गड्ढे में फंसकर पलट गई, जिसमें दो लोगों के हाथ-पैर टूटने की जानकारी मिली है। इन घटनाओं ने ग्रामीणों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि विधायक बनने से पहले सम्पत अग्रवाल ने पुल की मरम्मत और भ्रष्टाचार की जांच का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी के विरोध में आज हजारों ग्रामीण सड़क पर उतरे और बसना में ट्रैफिक पूरी तरह ठप कर दिया।
स्कूली बच्चे,आम जनमानस सहित किसानों में भारी आक्रोश का माहौल दिखाई दे रहा है..…. ।
04 दिन पहले एक कार भी उक्त टूटी पुलिया में गिर गई थी हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन 04 – 05 गांवों के ग्रामीणों का मुख्य मार्ग से टूट जाना और होने वाले समस्या पर आज 04 साल बाद कोई सुनवाई नहीं होने की स्थिति पर भयंकर विरोध हो रहा है ।
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने मांग की—
1. कुड़ेकेल नाला पुल के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हो।
2. पुल का तत्काल पुनर्निर्माण किया जाए।
3. सुरक्षित और मजबूत वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया जाए।
4. हादसों में घायल और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।




