देवरानी-जेठानी ने संभाला किचन का जिम्मा महतारी वंदन की राशि से रसोई का खर्च उठाना हुआ आसान
महासमुंद राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना पूरे परिवार का संतुष्टि के साथ पेट भर रही है। दरअसल में एक ही घर में देवरानी और जेठानी को महतारी वंदन की राशि हर माह एक-एक हजार रुपए मिल जाती है। पति अक्सर काम से बाहर रहते हैं। छोटी मोटी रसोई की जरूरतों और साग-सब्जी खरीदने के लिए उनका इंतजार करना पड़ता था। लेकिन महतारी वंदन की राशि मिलने से दोनों समय-समय पर किचन के लिए जरूरी सामग्री तथा साग-भाजी खरीद लेती है और पूरी आत्मीयता के साथ खाना बनाकर घर वालों को खिलाती है। उनके परिवार में 10 लोगों का खाना बनता है। महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम बेमचा की रहने वाली श्रीमती झरना ध्रुव और श्रीमती खिलेश्वरी ध्रुव की ये समझदारी उनके घर वालों को भी पसंद आया। दोनों हंसते हुए कहती है कि चूंकि सरकार हमें बिना भेदभाव के बराबर राशि दे रही है इसलिए हम खर्च भी बराबर करते हैं। वे बताती है कि काम से थके हुए घर आने पर पति और अन्य सदस्यों को खाना खिलाने से बड़ी कोई संतुष्टि नहीं है और इसमें मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की ये व्यवस्था वाकई केवल महिलाओं के लिए नहीं बल्कि परिवार वालों के लिए भी संतुष्टि और खुशी का एक महत्वपूर्ण कारक है।
उल्लेखनीय है कि महतारी वन्दन योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा करना है। इस योजना के अंतर्गत विवाहित महिलाओं को हर माह राज्य शासन द्वारा एक हजार रुपए उनके खाते में अंतरित की जाती है ताकि अपनी और अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। निश्चित ही महतारी वन्दन योजना ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि उनके जीवन में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी बढ़ाई है। इस योजना से प्राप्त वित्तीय सहायता ने महिलाओं को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने और उनके जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रदेश सरकार की यह पहल महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है