*आयल पाम खेती से किसान कमा रहे लाखों रुपए,,कलेक्टर धर्मेश साहु द्वारा किया गया निरीक्षण*
सारंगढ़ बिलाईगढ़,,,कलेक्टर धर्मेश साहू सर और परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान सर के द्वारा वि ख बरमकेला में ग्राम बनवासपाली कृषक ईश्वर सिदार के यहां लगे ऑयल पाम खेत का निरीक्षण किया गया जिसमे आयल पाम की उपज एवं आमदनी के बारे में जानकारी ली। इस संबंध में कृषक ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से 12 एकड़ में पौधे का रोपण किया है इस वर्ष 2.5 एकड़ में उत्पादन शुरू हो गया है माह जून से अब तक 30क्वि उत्पादन हो चुका है जिसका मूल्य पचास हजार रुपये है फलो की खरीद गोदरेज कंपनी द्वारा की जाती है।
ग्राम लिमपाली में निरीक्षण के दौरान तेजराम बरिहा ने बताया कि उन्होंने 6 एकड़ में 2 वर्ष पूर्व रोपण किया है जिसमे अंतरवर्तीय फसल के रूप मिर्च की खेती की है मिर्च की खेती से इस वर्ष कृषक को 6 एकड़ में 60 लाख की आमदनी मिल चुकी हैं।
नेशनल मिशन ऑन एडीबल ऑयल-ऑयल पाम योजना कृषकों के लिए यह एक अच्छी योजना हैैै। इस योजना के तहत कृषको को पहले वर्ष प्रति एकड़ 57 पौधे प्रदाय किये जाते हैै, पहले से चौथे वर्ष तक प्रति एकड़ रखरखाव हेतु 2100 रू. तथा अंतरवर्तीय फसलों हेतु 2100 रू. अनुदान के रूप में विभाग द्वारा प्रदाय किया जाता है। 5 एकड़ में फसल लगाने पर बोरवेल के अनुदान का भी प्रावधान है। ऑयल पाम के पौधे 9 x 9 मीटर की दुरी पर लगाये जाते है, जिसके बीच में कोई भी फसल लगाया जा सकता है। ऑयल पाम की खेती ड्रीप में की जाती है, ड्रीप हेतु भी अनुदान का प्रावधान है। ऑयल पाम लगाने के तीसरे साल के बाद निरंतर और निश्चित लाभ देने वाली फसल है। इसकी खेती से प्रति एकड़ प्रति वर्ष 10 टन तक उत्पादन प्राप्त होता है। उत्पादित फलों के गुच्छो को गोदरेज एग्रोवेट कंपनी लिमिटेड द्वारा खरीदा जाता है। जिसका मूल्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य 1729 रू. प्रति क्वि है। विपरीत मौसम में भी यह फसल खराब नही होता है, रोग एवं कीटो का प्रकोप ना के बराबर होता है। इस फसल में चोरी की संभावना नहीं है।
भ्रमण के दौरान उद्यान विस्तार अधिकारी मनोज ड़ड़सेना विनय पटेल योगेश नायक रेशम विभाग के नोडल मधुप चंदन, कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी श्री बसंत नायक उपस्थित रहे।